Monday 3 April 2017

प्रेम की अनुभूति



                          @प्रेम की अनुभूति@
हाँ प्यार एक पल में नही हो सकता उसे हम crush या आकर्षण कह के भूल सकते है लेकिन जिन्दगी में कई बार ऐसे पल होते है जो चाहे कुछ पल के मोहताज हो उन्हें हम सारी जिन्दगी नही भूल सकते | ऐसे ही पल को समेटती एक मेरी कहानी  पेश कर रहा हूँ पढ़िए और शेयर करिए !

कुछ महीने की  पहले की बात हैं ,मुंबई से shooting ख़तम करते होए ,कुछ दिन चुटिया बिताने किलिये अपनी ग़ोव गया था । villege जाने किलिये रेल के बाद बस में भी जाना पड़ता है अपने villege कु।मैं balesore ज़िला  (ओड़िसा)बस स्टैण्ड में बस का इंतजार कर रहा था ।
बस आने में थोड़ी देरी थी तो सोचा कि कुछ खा लूं ...
तभी faizan परिवहन कि बस आयी और मैं बस में चढ़ गया...balesore to baliapal ।।।
बस में एक ही सीट खाली थी जिसमें पहले एक लड़की बैठी थी गुलाबी रंग के सलवार कमीज और दुपट्टे में काले रंग का गोल गोल डिजाइन बना था।

लड़की का चेहरा अब तक मैं देखा न था वो मोबाइल में गाना सुन रही थी कानों में इयरफोन डाले और कुछ गेम खेल रही थी....
मैं सीट के पास खड़े रहा इंतजार कर रहा था कि वो मेरे तरफ देखे तो मैं इशारे से बैठने की इजाजत मांग लूं...
कियु की वो लेडिस सीट थी...
मैं मन ही मन सोच रहा था आज किस्मत अच्छा हैं आज तक बस में किसी लड़की के साथ बैठा नहीं आज मौका मिला हैं ..

बस आगे बढ़ने लगी और कंडेक्टर चलती बस में दौड़ते हुए चढ़ते चढ़ते चिल्ला रहा baliapal baliapal....
कंडेक्टर बस में चढ़ा और मेरे पास आया और लड़की के सीट को ठक ठक बजा के लड़की का ध्यान भंग किया....
वो लड़की अपना सिर उठायी...
मैं देखते ही रह गया
एक सुंदर कन्या गुलाबी रंग के पोशाक में एक दम गुलाब की कली लग रही थी...
लाल लाल होट आंखों में काजल पलके बड़ी बड़ी...
कुछ जुल्फें गालों को स्पर्श करती हुई...
कंडेक्टर के कहने पर उसने मुझे सीट में बिठा लिया...

मैं चुपचाप बैठ गया....
कंडेक्टर ने पीछे वाली सीट तरफ से किराया लेने चले गया...
मैंने अपनी जेब से फोन निकाला और फेसबुक चलाने लगा....
कुछ ही दूर चले थे कि कंडेक्टर आया और किराया मांगने लगा...
कंडेक्टर से बोला Baliapal का काटो और balck चैक  पर उतार देना मुझे
वो लड़की गाँधी चैक तक जाऊंगी बोली...

चुप चाप रास्ता कट रहा था...
मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे...
वो लड़की भी चोरी चोरी मेरे तरफ देख रही थी
शायद वो भी मेरी तरह ही कुछ सोच रही होगी..
पर कैसे बात करता अंजान लड़की से ????mumbai हता तो अलग बात है ।लिकिन इये तो गोंव है न दोस्त ..
जब बस Nalabahar पहूंची तो लड़की का फोन बंद हो गया लो बैटरी के कारण और दुबारा चालू हुआ ही नहीं....
माइक्रोमैक्स का सस्ता सा कोई सेट था....

लड़की थोड़ी घबरायी सी लगने लगी...
nalabahar मुख्य बाजार पार हुआ तभी लड़की ने हिम्मत करके मुझसे फोन मांगा और कहा एक कॉल करना हैं पापा बस स्टैण्ड आयेगे लेने के लिए...
मैंने खुशी खुशी फोन दे दिया
वो अपने पापा को फोन लगायी और बोली लेने पहूंच जाना 15 मिनट में बस स्टैण्ड पहूंच जाऊंगी....
फिर लड़की ने मुझे थैंकू बोला...
मैं कुछ बोल न सका ।


गांधी चुक आ चूका था ... बस रुकी ... वो मुझे साइड करते हुए जाने लगी ... उसकी जुल्फें मेरे मुख को स्पर्श करते हुए निकल गई ...बस के गेट पर पहुँच कर एक नज़र उसने मुझे देखा, मेरा दिल ज़ोर से धड़क उठा ...!!

क्या एहसास था वो । वो बस से उतर चुकी थी, मैं खिड़की से उसे देखे जा रहा था ... बस चल पड़ी और कुछ ही क्षण में वो आँखों से ओझल हो गई । दिल कचोट कर रह गया, एक लंबी सांस ली और सोचने लगा काश कि ये लड़की अपने पापा के फोन से मेरा नम्बर निकाल कर मुझे फोन करें.....आज भी में उस का phone इंतजार में हु ।कुछ अलग mobile नो से call आने से में जल्दी received कर लेता हु ।कास  वो लड़की मुझे कल हग बल के....
पर काश तो काश ही होता हैं ----||
         @रतिकान्त@

9 comments:

  1. Accha सादगी भरा अनुभव है। आकर्षण है पर सभ्यता भी है।

    ReplyDelete
  2. do char se hi sahi , pyasi zamin par bundo'n ne Rahmat ka kaam kiya....

    gar char chammach bhi milti bunde'n , to Amrit ka bhi Abhiman toot jata........

    ReplyDelete
  3. Nice story friend such a great story dil chune Bali story .

    ReplyDelete
  4. Kaise Kahu Ki Apna Bana Lo Mujhe Bahon Me Apni Sama Lo Mujhe Aaj Himmat Kar Ke Kahta Hu Ki Mai Tumhara Hu Ab Tum Hi Samhalo Mujhe..!! GooD Night my cute friend i miss u.

    ReplyDelete
  5. Superb... Life mein aisa pal aa jata hai jisko bhoolna muskil hai

    ReplyDelete
  6. Kya baat hai ji...diljale aashiq ko fail kar diya aapne to...Superb...

    ReplyDelete